लाल किताब के शक्तिशाली अचूक उपाय lal kitab ke upaye

लाल किताब के अचूक उपाय  LAL KITAB
June 19, 2014 at 9:08am
यदि आप ध्यान पूर्वक इस लेख को पढ़ेंगे तो मुझे विश्वाश है अनेक 

समस्यायों का समाधान आपको अवश्य ही मिल जाएगा !


प्रत्येक जातक की कुंडली में अशुभ ग्रहों की स्थिति अलग-अलग रहती है,
 परंतु कुछ कर्मों के आधार पर भी ग्रह आपको अशुभ फल देते हैं।
 व्यक्ति के कर्म-कुकर्म के द्वारा किस प्रकार नवग्रह के अशुभ फल प्राप्त होते हैं, आइए जानते हैं

चंद्र : सम्मानजनक स्त्रियों को कष्ट देने जैसे, माता, नानी, दादी, सास एवं इनके पद के समान वाली स्त्रियों को कष्ट देने एवं किसी से द्वेषपूर्वक ली वस्तु के कारण चंद्रमा अशुभ फल देता है।

बुध : अपनी बहन अथवा बेटी को कष्ट देने एवं बुआ को कष्ट देने, साली एवं मौसी को कष्ट देने से बुध अशुभ फल देता है। इसी के साथ हिजड़े को कष्ट देने पर भी बुध अशुभ फल देता है।

गुरु : अपने पिता, दादा, नाना को कष्ट देने अथवा इनके समान सम्मानित व्यक्ति को कष्ट देने एवं साधु संतों को कष्ट देने से गुरु अशुभ फल देता है।

सूर्य : किसी का दिल दुखाने (कष्ट देने), किसी भी प्रकार का टैक्स चोरी करने एवं किसी भी जीव की आत्मा को ठेस पहुँचाने पर सूर्य अशुभ फल देता है।

शुक्र : अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है।

मंगल : भाई से झगड़ा करने, भाई के साथ धोखा करने से मंगल के अशुभ फल शुरू हो जाते हैं। इसी के साथ अपनी पत्नी के भाई (साले) का अपमान करने पर भी मंगल अशुभ फल देता है।

शनि : ताऊ एवं चाचा से झगड़ा करने एवं किसी भी मेहनतम करने वाले व्यक्ति को कष्ट देने, अपशब्द कहने एवं इसी के साथ शराब, माँस खाने पीने से शनि देव अशुभ फल देते हैं। कुछ लोग मकान एवं दुकान किराये से लेने के बाद खाली नहीं करते अथवा उसके बदले पैसा माँगते हैं तो शनि अशुभ फल देने लगता है।

राहु : राहु सर्प का ही रूप है अत: सपेरे का दिल ‍दुखाने से, बड़े भाई को कष्ट देने से अथवा बड़े भाई का अपमान करने से, ननिहाल पक्ष वालों का अपमान करने से राहु अशुभ फल देता है।

केतु : भतीजे एवं भांजे का दिल दुखाने एवं उनका हक ‍छीनने पर केतु अशुभ फल देना है। कुत्ते को मारने एवं किसी के द्वारा मरवाने पर, किसी भी मंदिर को तोड़ने अथवा ध्वजा नष्ट करने पर इसी के साथ ज्यादा कंजूसी करने पर केतु अशुभ फल देता है। किसी से धोखा करने व झूठी गवाही देने पर भी राहु-केतु अशुभ फल देते हैं।

अत: मनुष्य को अपना जीवन व्यवस्‍िथत जीना चाहिए। किसी को कष्ट या छल-कपट द्वारा अपनी रोजी नहीं चलानी चाहिए। किसी भी प्राणी को अपने अधीन नहीं समझना चाहिए जिससे ग्रहों के अशुभ कष्ट सहना पड़े।

लाल किताब के अनुसार सरल उपाय

हम सभी जानते है की कुंडली कुल बारह भाव होते है सभी भावे के अलग-अलग स्वामी होते है … आप अपनी कुंडली में खुद ही देर्ख सकते है की किस भाव में कौन सा गृह ख़राब है , और उसका उपाय कैसे करें. जहाँतक हो सके उपाय किसी विद्वान पंडित से ही कुंडली दिखाकर कराएँ अन्यथा लाभ के  बजाए हानी भी हो सकती है .

लाल किताब के अनुसार जिस ग्रह से संबंधित वस्‍तुओं को
॰ प्रथम भाव में पहुंचाना हो उसे गले में पहनिए
॰ दूसरे भाव में पहुंचाने के लिए मंदिर में रखिए
॰ तीसरे भाव में पहुंचाने के लिए संबंधित वस्‍तु को हाथ में धारण करें
॰ चौथे भाव में पहुंचाने के लिए पानी में बहाएं
॰ पांचवे भाव के लिए स्‍कूल में पहुंचाएं
,॰ छठे भाव में पहुंचाने के लिए कुएं में डालें
॰ सातवें भाव के लिए धरती में दबाएं
॰ आठवें भाव के लिए श्‍मशान में दबाएं
॰ नौंवे भाव के लिए मंदिर में दें
॰ दसवें भाव के लिए पिता या सरकारी भवन को दें
॰ ग्‍यारहवें भाव का उपाय नहीं और 
  बारहवें भाव के लिए ग्रह से संबंधित चीजें छत पर रखें।

लाल किताब के टोटके

सुबह उठ कर सबसे पहले घर की मालकिन अगर एक लोटा पानी घर के मुख्य द्वार पर डालती है तो घर में लक्ष्मी देवी के आने का रास्ता खुल जाता हैं।अगर आप चाहते हैं की घर में सुख शान्ति बनी रहे तो हर एक अमावास के दिन घर की अच्छी तरह सफाई करके (बेकार सामान घर में न रखें) कच्ची लस्सी का छिट्टा देकर ५ अगरबत्ती जलाइए। 
महीने में २ बार किसी भी दिन घर में उपला जलाकर लोबान व गूगल की धुनी देने से घर में उपरी हवा का बचाव रहता हैं तथा बीमारी दूर होती है।आपके घर में अगर अग्नि कोण में पानी की टंकी रखी हो तो घर में कर्जा व बीमारी कभी समाप्त नही होती है इससे बचने के लिए इस कोने में एक लाल बल्ब लगा दें जो हर वक्त जलता रहे।  
नमक को कभी भी खुला न रखें। घर में सुख-शान्ति न हो तो पीपल पर सरसों के तेल का दीया जलाना और जला कर काले माह (उड़द ) के तीन दाने दीये में डालना चाहिए, ऐसा तीन शनिवार शाम को करें।

दुर्घटना या सर्जरी का भय हो तो तांबें के बर्तन में गुड़ हनुमान जी के मन्दिर में देने से बचाव होता है और अगर सरसों के तेल का दीया वहीं जलाये और वहीं बैठ कर हनुमान चालीसा पढ़े और हलवा चढाये तो काफ़ी बचाव होता है, ऐसा चार मंगलवार रात्रि करें।बहन भाईओं से कोई समस्या हो तो सवा किलो गुड़ जमीन में दबाने से समझौता होता है, ऐसा मंगलवार को करें।बच्चों की पढ़ाई के लिए सवा मीटर पीले कपडें में २ किलो चने की दाल बांधकर लक्ष्मी-नारायण जी के मन्दिर में चढाये, ऐसा पाँच शाम वीरवार को करें।कमर, गर्दन में तकलीफ रहती हो तो दोनों पैरों के अंगूठे में काला सफ़ेद धागा बांधें।

घर में पैसा रखने वाली अलमारी का मुंह उत्तर की तरफ़ रखे, ऐसा करने से घर में लक्ष्मी बदती है।

किसी भी रोज़ संध्याकाल में गाय को कच्चा ढूढ़ मिटटी के किसी बर्तन में भरकर बाएँ हाथ से नज़र लगे बच्चे के सर से सात बार उतारकर चौराहे पर रख आयें या किसी कुत्ते को पिला दे, नज़र दोष दूर हो जायेगा।

घर के किसी भी कार्य के लिए निकलते समय पहले विपरीत दिशा में ४ पग जावें, इसके बाद कार्य पर चले जाएँ, कार्य जरूर बनेगा।

परिवार में सुख-शान्ति और सम्रद्धि के लिए प्रतिदिन प्रथम रोटी के चार बराबर भाग करें, एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को और चौथा चौराहे पर रख दें।

हल्दी की ७ साबुत गाठें ७ गुड़ की डलियाँ, एक रूपये का सिक्का किसी पीले कपड़े में वीरवार को बांधकर रेलवे लाईन के पार फेंक दें, फेंकते समय अपनी कामना बोलें, इच्छा पूर्ण होने की सम्भावना हो जायेगी।

घर में सुख-शान्ति के लिए मिट्टी का लाल रंग का बन्दर, जिसके हाथ खुले हो, घर में सूर्य की तरफ़ पीठ करके रखें, ऐसा रविवार को करें।

चांदी के बर्तन में केसर घोल कर माथे पर टीका लगाना, सुख-शान्ति सम्रद्धि और प्रसद्धि देता है, यह प्रयोग वीरवार को करें।

शादी न हो रही हो या पढ़ाई में दिक्कत हो तो पीले फूलों के दो हार लक्ष्मी-नारायण के मन्दिर में चढाये, आपका काम जरूर होगा, यह प्रयोग वीरवार शाम को करें।

कंजकों को बुधवार के दिन साबुत बादाम, जो मन्दिर के बाहर बैठीं हों, देना चाहिए इससे घर की बीमारी दूर होती है।

अगर किसी को अपनी नौकरी में तबादले या स्थानांतर को लेकर कोई समस्या है तो ताम्बे की गडवी/ लोटे में लाल मिर्ची के बीज डालकर सूर्य को चढाने से समस्या दूर होती है। सूर्य को यह जल लगातार २१ दिनों तक चढाये।

घर में समृद्धि

॰ घर में समृद्धि लाने हेतु घर के उत्तरपश्चिम के कोण (वायव्य कोण) में सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें। ऐसा करने से घर में धन का अभाव नहीं रहेगा।

॰ घर में स्थायी सुख-समृद्धि हेतु पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े रह कर लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी तथा दूध मिला कर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालने से घर में लम्बे समय तक सुख-समृद्धि रहती है और लक्ष्मी का वास होता है।

॰ घर में बार-बार धन हानि हो रही हो तों वीरवार को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़क कर गुलाल पर शुद्ध घी का दोमुखी (दो मुख वाला) दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चाहिए की भविष्य में घर में धन हानि का सामना न करना पड़े´। जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा देना चाहिए।

॰ काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी।

॰ घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए घर में सोने का चौरस सिक्का रखें। कुत्ते को दूध दें। अपने कमरे में मोर का पंख रखें।

॰ अगर आप सुख-समृद्धि चाहते हैं, तो आपको पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मोली बांधकर तथा उसमें जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।

॰ अखंडित भोज पत्र पर 15 का यंत्र लाल चन्दन की स्याही से मोर के पंख की कलम से बनाएं और उसे सदा अपने पास रखें।

॰ व्यक्ति जब उन्नति की ओर अग्रसर होता है, तो उसकी उन्नति से ईर्ष्याग्रस्त होकर कुछ उसके अपने ही उसके शत्रु बन जाते हैं और उसे सहयोग देने के स्थान पर वे ही उसकी उन्नति के मार्ग को अवरूद्ध करने लग जाते हैं, ऐसे शत्रुओं से निपटना अत्यधिक कठिन होता है। ऐसी ही परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रात:काल सात बार हनुमान बाण का पाठ करें तथा हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाए¡ और पाँच लौंग पूजा स्थान में देशी कर्पूर के साथ जलाएँ। फिर भस्म से तिलक करके बाहर जाए¡। यह प्रयोग आपके जीवन में समस्त शत्रुओं को परास्त करने में सक्षम होगा, वहीं इस यंत्र के माध्यम से आप अपनी मनोकामनाओं की भी पूर्ति करने में सक्षम होंगे।

॰ कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें। अनिष्ट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा।

॰ अगर अचानक धन लाभ की स्थितियाँ बन रही हो, किन्तु लाभ नहीं मिल रहा हो, तो गोपी चन्दन की नौ डलियाँ लेकर केले के वृक्ष पर टाँग देनी चाहिए। स्मरण रहे यह चन्दन पीले धागे से ही बाँधना है।

॰ अकस्मात् धन लाभ के लिये शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को सफेद कपड़े के झंडे को पीपल के वृक्ष पर लगाना चाहिए। यदि व्यवसाय में आकिस्मक व्यवधान एवं पतन की सम्भावना प्रबल हो रही हो, तो यह प्रयोग बहुत लाभदायक है।

॰ अगर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हों, तो मन्दिर में केले के दो पौधे (नर-मादा) लगा दें।

॰ अगर आप अमावस्या के दिन पीला त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लहराता हुआ रहे, तो आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा। झंडा लगातार वहाँ लगा रहना चाहिए। यह अनिवार्य शर्त है।

॰ देवी लक्ष्मी के चित्र के समक्ष नौ बत्तियों का घी का दीपक जलाए¡। उसी दिन धन लाभ होगा।

॰ एक नारियल पर कामिया सिन्दूर, मोली, अक्षत अर्पित कर पूजन करें। फिर हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएँ। धन लाभ होगा।

॰ पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जला दें। फिर वापस घर आ जाएँ एवं पीछे मुड़कर न देखें। धन लाभ होगा।

॰ प्रात:काल पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएँ तथा अपनी सफलता की मनोकामना करें और घर से बाहर शुद्ध केसर से स्वस्तिक बनाकर उस पर पीले पुष्प और अक्षत चढ़ाए¡। घर से बाहर निकलते समय दाहिना पाँव पहले बाहर निकालें।

॰ एक हंडिया में सवा किलो हरी साबुत मूंग की दाल, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक भर दें। यह दोनों हंडिया घर में कहीं रख दें। यह क्रिया बुधवार को करें। घर में धन आना शुरू हो जाएगा।

॰ प्रत्येक मंगलवार को 11 पीपल के पत्ते लें। उनको गंगाजल से अच्छी तरह धोकर लाल चन्दन से हर पत्ते पर 7 बार राम लिखें। इसके बाद हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएं तथा वहां प्रसाद बाटें और इस मंत्र का जाप जितना कर सकते हो करें। `जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरू देव की नांई´ 7 मंगलवार लगातार जप करें। प्रयोग गोपनीय रखें। अवश्य लाभ होगा।

॰ अगर नौकरी में तरक्की चाहते हैं, तो 7 तरह का अनाज चिड़ियों को डालें।


निम्न मन्त्र को शुभमुहूर्त्त में प्रारम्भ करें। प्रतिदिन नियमपूर्वक 5 माला श्रद्धा से भगवान् श्रीकृष्ण का ध्यान करके, जप करता रहे
-“ॐ क्लीं नन्दादि गोकुलत्राता दाता दारिद्र्यभंजन।सर्वमंगलदाता च सर्वकाम प्रदायक:। श्रीकृष्णाय नम: ॰

॰ भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष भरणी नक्षत्र के दिन चार घड़ों में पानी भरकर किसी एकान्त कमरे में रख दें। अगले दिन जिस घड़े का पानी कुछ कम हो उसे अन्न से भरकर प्रतिदिन विधिवत पूजन करते रहें। शेष घड़ों के पानी को घर, आँगन, खेत आदि में छिड़क दें। अन्नपूर्णा देवी सदैव प्रसन्न रहेगीं।किसी शुभ कार्य के लिए जाने से पहले

• रविवार को पान का पत्ता साथ रखकर जायें। सोमवार को दर्पण में अपना चेहरा देखकर जायें। मंगलवार को मिष्ठान खाकर जायें। बुधवार को हरे धनिये के पत्ते खाकर जायें। गुरूवार को सरसों के कुछ दाने मुख में डालकर जायें। शुक्रवार को दही खाकर जायें। शनिवार को अदरक और घी खाकर जाना चाहिये।

• किसी भी शनिवार की शाम को माह की दाल के दाने लें। उसपर थोड़ी सी दही और सिन्दूर लगाकर पीपल के वृक्ष के नीचे रख दें और बिना मुड़कर देखे वापिस आ जायें। सात शनिवार लगातार करने से आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली बनी रहेगी।

• गृह बाधा की शांति के लिए पश्चिमाभिमुख होकर क्क नमः शिवाय मंत्र का २१ बार या २१ माला श्रद्धापूर्वक जप करें।

• आर्थिक परेशानियों से मुक्ति के लिए गणपति की नियमित आराधना करें। इसके अलावा श्वेत गुजा (चिरमी) को एक शीशी में गंगाजल में डाल कर प्रतिदिन श्री सूक्त का पाठ करें। बुधवार को विशेष रूप से प्रसाद चढ़ाकर पूजा करें।आर्थिक समस्या के छुटकारे के लिए :

यदि आप हमेशा आर्थिक समस्या से परेशान हैं तो इसके लिए आप 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें !

घर और कार्यस्थल में धन वर्षा के लिए :

इसके लिए आप अपने घर, दुकान या शोरूम में एक अलंकारिक फव्वारा रखें ! या एक मछलीघर जिसमें 8 सुनहरी व एक काली मछ्ली हो रखें ! इसको उत्तर या उत्तरपूर्व की ओर रखें ! यदि कोई मछ्ली मर जाय तो उसको निकाल कर नई मछ्ली लाकर उसमें डाल दें !परेशानी से मुक्ति के लिए :

आज कल हर आदमी किसी न किसी कारण से परेशान है ! कारण कोई भी हो आप एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोडा सा लाल चंदन मिला दें ! उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय ! प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें ! धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी !घर में स्थिर लक्ष्मी के वास के लिए :

चक्की पर गेहूं पिसवाने जाते समय तुलसी के ग्यारह पत्ते गेहूं में डाल दें। एक लाल थैली में केसर के २ पत्ते और थोड़े से गेहूं डालकर मंदिर में रखकर फिर इन्हें भी पिसवाने वाले गेंहू में मिला दें, धन में बरकत होगी और घर में स्थ्रि लक्ष्मी का वास होगा। आटा केवल सोमवार या शनिवार को पिसवाएं।पैतृक संपत्ति की प्राप्ति के लिए :

घर में पूर्वजों के गड़े हुए धन की प्राप्ति हेतु किसी सोमवार को २१ श्वेत चितकवरी कौड़ियों को अच्छी तरह पीस लें और चूर्ण को उस स्थान पर रखें, जहां धन गड़े होने का अनुमान हो। धन गड़ा हुआ होगा, तो मिल जाएगा।मकान

जिन व्यक्तियों को लाख प्रयत्न करने पर भी स्वयं का मकान न बन पा रहा हो, वे इस टोटके को अपनाएं। प्रत्येक शुक्रवार को नियम से किसी भूखे को भोजन कराएं और रविवार के दिन गाय को गुड़ खिलाएं। ऐसा नियमित करने से अपनी अचल सम्पति बनेगी या पैतृक सम्पति प्राप्त होगी। अगर सम्भव हो तो प्रात:काल स्नान-ध्यान के पश्चात् निम्न मंत्र का जाप करें। “ॐ पद्मावती पद्म कुशी वज्रवज्रांपुशी प्रतिब भवंति भवंति।।´´

यह प्रयोग नवरात्रि के दिनों में अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस दिन प्रात:काल उठ कर पूजा स्थल में गंगाजल, कुआं जल, बोरिंग जल में से जो उपलब्ध हो, उसके छींटे लगाएं, फिर एक पाटे के ऊपर दुर्गा जी के चित्र के सामने, पूर्व में मुंह करते हुए उस पर 5 ग्राम सिक्के रखें। साबुत सिक्कों पर रोली, लाल चन्दन एवं एक गुलाब का पुष्प चढ़ाएं। माता से प्रार्थना करें। इन सबको पोटली बांध कर अपने गल्ले, संदूक या अलमारी में रख दें। यह टोटका हर 6 माह बाद पुन: दोहराएं।

सगे संबंधियों को दिया गया धन वापस प्राप्त करने हेतु :

किसी सगे संबंधी को धन दिया हो और वह वापस नहीं कर रहा हो, तो ऊपर बताई गई विधि की भांति २१ श्वेत चितकबरी कौड़ियों को पीस कर चूर्ण उसके दरबाजे के आगे बिखेर दें। यह क्रिया ४३ दिनों तक करते रहें, वह व्यक्ति आपका धन वापस कर देगा।कर्ज

॰ व्यक्ति को ऋण मुक्त कराने में यह टोटका अवश्य सहायता करेगा : मंगलवार को शिव मन्दिर में जा कर शिवलिंग पर मसूर की दाल “ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय नम:´´ मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं।

॰ जिन व्यक्तियों को निरन्तर कर्ज घेरे रहते हैं, उन्हें प्रतिदिन “ऋणमोचक मंगल स्तोत्र´´ का पाठ करना चाहिये। यह पाठ शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करना चाहिये। यदि प्रतिदिन किसी कारण न कर सकें, तो प्रत्येक मंगलवार को अवश्य करना चाहिये।

॰ सोमवार के दिन एक रूमाल, 5 गुलाब के फूल, 1 चांदी का पत्ता, थोड़े से चावल तथा थोड़ा सा गुड़ लें। फिर किसी विष्णुण्लक्ष्मी जी के मिन्दर में जा कर मूर्त्ति के सामने रूमाल रख कर शेष वस्तुओं को हाथ में लेकर 21 बार गायत्री मंत्र का पाठ करते हुए बारी-बारी इन वस्तुओं को उसमें डालते रहें। फिर इनको इकट्ठा कर के कहें की `मेरी परेशानियां दूर हो जाएं तथा मेरा कर्जा उतर जाए´। यह क्रिया आगामी 7 सोमवार और करें। कर्जा जल्दी उतर जाएगा तथा परेशानियां भी दूर हो जाएंगी।

॰ सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें। इसके पश्चात् डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने बिछा लें। इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें, गायत्री मंत्र 21 बार पढ़ते हुए बांध दें। अब स्वयं जा कर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें। भगवान ने चाहा तो जल्दी ही कर्ज से मुक्ति प्राप्त होगी।

॰ कर्ज-मुक्ति के लिये “गजेन्द्र-मोक्ष´´ स्तोत्र का प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व पाठ अमोघ उपाय है।

॰ अगर निरन्तर कर्ज में फँसते जा रहे हों, तो श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल के वृक्ष पर चढ़ाना चाहिए। यह 6 शनिवार किया जाए, तो आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं।अगर बढ़ाना हो व्यापार-व्यवसाय

अगर आपका व्यापार-व्यवसाय मंदा चल रहा है। किसी भी काम के शुरू करने के बाद उसमें ऐसा लाभ नहीं मिलता जैसा सोच रहे हैं, दुकान खुब सजाधजा कर रखने पर भी उसमें ग्राहक नहीं आते तो अब चिंता की बात नहीं है। हम आपको ऐसे कुछ सिद्ध टोटके बता रहे हैं जिससे थोड़े से प्रयास से आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे। लेकिन इन प्रयोगों को करने से पहले आपको मन में कुछ बातें ठाननी पड़ेंगी। एक, हमेशा सत्य बोलेंगे, दूसरों का अहित नहीं करेंगे और तीसरा हमेशा अपना श्रेष्ठतम परिणाम देंगे। जब आप कोई टोटका प्रयोग में ला रहे हों तो इसके बारे में किसी को बताए नहीं, इससे टोटके का प्रभाव कम हो जाता है। इन टोटकों को आजमाइए, लाभ जरूर मिलेगा।

॰ शनिवार को पीपल के पेड़ से एक पत्ता तोड़ लाएं, उसे धूप-बत्ती दिखाकर अपनी दुकान की गादी जिस पर आप बैठते हैं, उसके नीचे रख दें। सात शनिवार तक लगातार ऐसा ही करें। जब गादी के नीचे सात पत्ते इकट्ठे हो जाएं तो उन्हें एक साथ किसी तालाब या कुएं में बहा दें। व्यवसाय चल निकलेगा।

॰ किसी ऐसी दुकान जो काफी चलती हो वहां से लोहे की कोई कील या नट आदि शनिवार के दिन खरीदकर, मांगकर या उठाकर ले आएं। काली उड़द के 10-15 दानों के साथ उसे एक शीशी में रख लें। धूप-दीप से पूजाकर ग्राहकों की नजरों से बचाकर दुकान में रख लें। व्यवसाय खुब चलेगा।

॰ शनिवार को सात हरी मिर्च और सात नींबू की माला बनाकर दुकान में ऐसे टांगें कि उस पर ग्राहक की नजर पड़े।व्यवसाय

व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथा एकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें। फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथा सप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों को बांटें। भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।

यदि आपको लगता है कि आपका कार्य किसी ने बांध दिया है और चाहकर भी उसमें बढ़ोतरी नहीं हो रही है व सब तरफ से मन्दा एवं बाधाओं का सामना करना पड़रहा है। ऐसे में आपको साबुत फिटकरी दुकान में खड़े होकर 31 बार वार दें और दुकान से बाहर निकल कर किसी चौराहे पर जाकर उत्तर दिशा में फेंक कर बिना पीछे देखें वापस आ जाएं। नजरदूर हो जाएगी और व्यापार फिर से पूर्व की भांति चलने लगेगा।व्यापार व कारोबार में वृद्धि के लिए

एक नीबू लेकर उस पर चार लौंग गाड़ दें और उसे हाथ में रखकर निम्नलिखित मंत्र का २१ बार जप करें। जप के बाद नीबू को अपनी जेब में रख कर जिनसे कार्य होना हो, उनसे जाकर मिलें।

  ॐ श्री हनुमते नमः

इसके अतिरिक्त शनिवार को पीपल का एक पत्ता गंगा जल से धोकर हाथ में रख लें और गायत्री मंत्र का २१ बार जप करें। फिर उस पत्ते को धूप देकर अपने कैश बॉक्स में रख दें। यह क्रिया प्रत्येक शनिवार को करें और पत्ता बदल कर पहले के पत्ते को पीपल की जड़ में में रख दें। यह क्रिया निष्ठापूर्वक करें, कारोबार में उन्नति होगी।व्यापार बढाने के लिए :

शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के दोनों तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दें ! ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही !पूजा घर में अभिमंत्रित श्र्री यंत्र रखें !

शुक्र्वार की रात को सवा किलो काले चने भिगो दें ! दूसरे दिन शनिवार को उन्हें सरसों के तेल में बना लें ! उसके तीन हिस्से कर लें ! उसमें से एक हिस्सा घोडे या भैंसे को खिला दें ! दूसरा हिस्सा कुष्ठ रोगी को दे दें और तीसरा हिस्सा अपने सिर से घडी की सूई से उल्टे तरफ तीन बार वार कर किसी चौराहे पर रख दें ! यह प्रयोग 40 दिन तक करें ! कारोबार में लाभ होगा !

कारोबार में नुकसान हो रहा हो या कार्यक्षेत्र में झगडा हो रहा हो तो :

यदि उपरोक्त स्थिति का सामना हो तो आप अपने वज़न के बराबर कच्चा कोयला लेकर जल प्रवाह कर दें ! अवश्य लाभ होगा !पढाई में याददास्त बढाने का टोटका

याददास्त कोई हौवा नही है,कि याद होता नही है,और याद होता नही है तो पढाई बेकार हो जाती है,परीक्षा में परिणाम नकारात्मक आता है,और दिमाग का एक कौना मानने लगता है कि यह पढाई बेकार है,इसे छोड कर कोई जीवन यापन का काम कर लेना चाहिये,और इस बेकार के झमेले को छोड देना चाहिये,लेकिन नही अगर वास्तव मे आपको पढने का चाव है और आप चाहते है कि आपका परिणाम भी उन्ही लोगों की तरह से आये जैसे कि ब्रिलियेंन्ट बच्चों का आता है,तो इस टोटके को अंजवा लीजिये।

शाम को खाना खा कर बायीं करवट ढाई घंटे के लिये लेट जाइये,फ़िर ढाई घंटे दाहिनी करवट लेट जाइये,और ढाई घंटे उठकर सीधे बैठ कर पढना चालू कर दीजिये,यह क्रम लगातार चालू रखिये,देखिये कि जो टापिक कभी याद नही होते थे,इतनी अच्छी तरह से याद हो जायेंगे कि खुद को विश्वास ही नहीं होगा।अगर आपका प्रमोशन नहीं हो रहा तो :

॰ गुरूवार को किसी मंदिर में पीली वस्तुये जैसे खाद्य पदार्थ, फल, कपडे इत्यादि का दान करें !

॰ हर सुबह नंगे पैर घास पर चलें !

॰ नौकरी जाने का खतरा हो या ट्रांसफर रूकवाने के लिए :

॰ पांच ग्राम डली वाला सुरमा लें ! उसे किसी वीरान जगह पर गाड दें ! ख्याल रहे कि जिस औजार से आपने जमीन खोदी है उस औजार को वापिस न लायें ! उसे वहीं फेंक दें दूसरी बात जो ध्यान रखने वाली है वो यह है कि सुरमा डली वाला हो और एक ही डली लगभग 5 ग्राम की हो ! एक से ज्यादा डलियां नहीं होनी चाहिए !ट्रांसफ़र करवाने का उपाय

कार्य स्थान पर जाने के बाद पैर धोकर अपने स्थान पर बैठना चाहिये,पिसी हल्दी को बहते पानी में बहाना चाहिये।

यदि आपको सही नौकरी मिलने में दिक्कत आ रही हो तो :

॰ कुएं में दूध डालें! उस कुएं में पानी होना चहिए !

॰ काला कम्बल किसी गरीब को दान दें !

॰ 6 मुखी रूद्राक्ष की माला 108 मनकों वाली माला धारण करें जिसमें हर मनके के बाद चांदी के टुकडे पिरोये हों !खाना पचाने का टोटका

अधिकतर बैठे रहने से या खाना खाने के बाद मेहनत नही करने से भोजन पच नही पाता है और पेट में दर्द या पेट फ़ूलने लगता है,खाना खाने के बाद तुरंत बायीं करवट लेट जाइये,खाना आधा घन्टे में अपनी जगह बनाकर पचने लगेगा और अपान वायु बाहर निकल जायेगी।ईश्वर का दर्शन करने के लिये टोटका

शाम को एकान्त कमरे में जमीन पर उत्तर की तरफ़ मुंह करके पालथी मारकर बैठ जाइये,दोनों आंखों को बन्द करने के बाद आंखों की द्रिष्टि को नाक के ऊपर वाले हिस्से में ले जाने की कोशिश करिये,धीरे धीरे रोजाना दस से बीस मिनट का प्रयोग करिये,लेकिन इस काम को करने के बीच में किसी भी प्रकार के विचार दिमाग में नही लाने चाहिये,आपको आपके इष्ट का दर्शन सुगमता से हो जायेगा।अपने पूर्वजों की नियमित पूजा करें। प्रति माह अमावस्या को प्रातःकाल ५ गायों को फल खिलाएं।मुकदमें में विजय पाने के लिए :

यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें ! जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है ! परंतु याद रहे आपको चावल ले जाते या कोर्ट में फेंकते समय कोई देखे नहीं वरना लाभ नहीं होगा ! यह उपाय आपको बिना किसी को पता लगे करना होगा !प्रेम विवाह में सफल होने के लिए :

यदि आपको प्रेम विवाह में अडचने आ रही हैं तो :

शुक्ल पक्ष के गुरूवार से शुरू करके विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ती या फोटो के आगे “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का रोज़ तीन माला जाप स्फटिक माला पर करें ! इसे शुक्ल पक्ष के गुरूवार से ही शुरू करें ! तीन महीने तक हर गुरूवार को मंदिर में प्रशाद चढांए और विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें !नौकर न टिके या परेशान करे तो :

हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का प्रशाद लेकर मंदिर में चढा कर लडकियों में बांट दें ! ऐसा आप चार मंगलवार करें !

धन प्राप्ति के कुछ अचूक टोटके

संसार में रहकर गृहस्थ जीवन की सफलता के लिए सुख-समृद्धि का होना निहायत ही जरूरी है। धन-समृद्धि को अर्जित करने के लिए प्रबल पुरुषार्थ यानि कि ईमानदारी पूर्वक कठोर परिश्रम तो आवश्यक है ही। किंतु साथ ही कुछ जांचे-परखे और कारगर उपायों जिन्हें टोने-टोटके के रूप में जाना जाता है को भी आजमाना चाहिये।

1. हर पूर्णिमा को सुबह पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं।
2. तुलसी के पौधे पर गुरुवार को पानी में थोड़ा दूध डालकर चढ़ाएं।
3. यदि आपको बरगद के पेड़ के नीचे कोई छोटा पौधा उगा हुआ नजर आ जाए तो उसे उखाड़कर अपने घर में लगा दें।
4. गूलर की जड़ को कपड़े में बांधकर उसे ताबीज में डालकर बाजु पर बांधे।
5. पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े होकर लोहे के पात्र में पानी लेकर उसमें दूध मिलाकर उसे पीपल की जड़ में डालने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और घर में लक्ष्मी का स्थाई निवास होता है।
6. धन समृद्धि की देवी लक्ष्मी को प्रति एकादशी के दिन नौ बत्तियों वाला शुद्ध घी का दीपक लगाएं।
7. घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर तांबे के सिक्के को लाल रंग के नवीन वस्त्र में बांधने से घर में धन, समृद्धि का आगमन होता है।
8. शनिवार के दिन कृष्ण वर्ण के पशुओं को रोटी खिलाएं।
माता पिता ब्राह्मण व् गुरु जनों को सदैव प्रणाम करें  कोई भी ग्रह बुरा फल नही देगा
 सदैव अपने धर्म का दृडता से पालन करें 
 
अधिक जानकारी अथवा कुंडली विश्लेष्ण के लिए आप मुझे कॉल कर  सकते हैं 
 पंडित धर्मपाल शास्त्री  9466621802  अम्बाला शहर

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