शत्रु को परास्त करें विद्वेष्ण के शक्तिशाली प्रयोग से
यदि शत्रु एक से अधिक हों और आपको बहुत अधिक परेशान क्र रहे हों तो शत्रुओं की एकता को खंड खंड करके उन पर विजय प्राप्त करने के लिए इस मन्त्र का प्रयोग करें ! मन्त्र बारा सरसों तेरा राइ पाट की माटी मसान की छाई पढ़ कर मारूं करद तलवार अमुक कदे न देखे अमुक का द्वार मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा सत नाम आदेश गुरु का ! विधि - सरसों राई और मसान की राख समान मात्रा में लें फिर आक व् ढ़ाक ( पलाश ) की लकड़ियों में मन्त्र पाठ करते हुए १०८ आहुतियाँ दें ! जंहा मन्त्र में अमुक शब्द आया है वंहा पर उन तो लोगों का नाम लें जिनके बीच शत्रुता पैदा करनी हो ! यह प्रयोग मंगलवार को करें और हवन कि राख शत्रु के दरवाजे पर डाल दें ! अधिक जानकारी के लिए आप मुझे फोन कर सकते हो जय श्री राम जय वीर हनुमान