अद्भुत शक्तिशाली श्री महाबली भैरव शाबर मन्त्र

श्री भैरव मन्त्र
“ॐ गुरुजी काला भैरुँ कपिला केश, काना मदरा, भगवाँ भेस।
मार-मार काली-पुत्र। बारह कोस की मार, भूताँ हात कलेजी खूँहा गेडिया।
जहाँ जाऊँ भैरुँ साथ। बारह कोस की रिद्धि ल्यावो। चौबीस कोस की सिद्धि ल्यावो।
सूती होय, तो जगाय ल्यावो। बैठा होय, तो उठाय ल्यावो।
अनन्त केसर की भारी ल्यावो। गौरा-पार्वती की विछिया ल्यावो।
गेल्याँ की रस्तान मोह, कुवे की पणिहारी मोह, बैठा बाणिया मोह, घर बैठी बणियानी मोह,
राजा की रजवाड़ मोह, महिला बैठी रानी मोह।
डाकिनी को, शाकिनी को, भूतनी को, पलीतनी को, ओपरी को, पराई को,
लाग कूँ, लपट कूँ, धूम कूँ, धक्का कूँ, पलीया कूँ, चौड़ कूँ, चौगट कूँ, काचा कूँ, कलवा कूँ,
भूत कूँ, पलीत कूँ, जिन कूँ, राक्षस कूँ,
बरियों से बरी कर दे। नजराँ जड़ दे ताला, इत्ता भैरव नहीं करे,
तो पिता महादेव की जटा तोड़ तागड़ी करे, माता पार्वती का चीर फाड़ लँगोट करे।
चल डाकिनी, शाकिनी, चौडूँ मैला बाकरा, देस्यूँ मद की धार, भरी सभा में द्यूँ आने में कहाँ लगाई बार ?
खप्पर में खाय, मसान में लौटे, ऐसे काला भैरुँ की कूण पूजा मेटे।
राजा मेटे राज से जाय, प्रजा मेटे दूध-पूत से जाय, जोगी मेटे ध्यान से जाय।
शब्द साँचा, ब्रह्म वाचा, चलो मन्त्र ईश्वरो वाचा।”





विधिः- उक्त मन्त्र का अनुष्ठान रविवार से प्रारम्भ करें। एक पत्थर का तीन कोनेवाला टुकड़ा लिकर उसे अपने सामने स्थापित करें। उसके ऊपर तेल और सिन्दूर का लेप करें। पान और नारियल भेंट में चढावें। वहाँ नित्य सरसों के तेल का दीपक जलावें। अच्छा होगा कि दीपक अखण्ड हो। मन्त्र को नित्य २१ बार ४१ दिन तक जपें। जप के बाद नित्य छार, छरीला, कपूर, केशर और लौंग की आहुति दें। भोग में बाकला, बाटी बाकला रखें (विकल्प में उड़द के पकोड़े, बेसन के लड्डू और गुड़-मिले दूध की बलि दें। मन्त्र में वर्णित सब कार्यों में यह मन्त्र काम करता है।श्रद्धा  पूर्वक जप करने से साधक  केसभी कार्य होते हैं व् हर समय श्री भैरव sजी संग  रहते हैं .

Comments

Popular posts from this blog

वाणी की सिद्धि के लिये शक्तिशाली सरस्वती शाबर मन्त्र

शक्ति शाली सुलेमानी मंत्र ( कलाम )

यदि आपकी श्री हनुमान जी के चरणो मे अखंड श्रधा है ये मंत्र आपके लिये ब्रह्मास्त्र के समान सिद्ध होगा