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Showing posts from July, 2011

विंड चाइम्स द्वारा दुर्भाग्य भगाए

फेंगशुई में पवन घंटियों के प्रयोग से सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होती है.पवन घंटियों द्वारा उत्पन्न ऊर्जा भवन की नकारात्मक ऊर्जा का शमन के दुर्भाग्य को मिटाती है.पवन घंटियां अनेक छड़ो से मिलकर बनती है. पवन घंटी धातु या लकड़ी की बनी हो सकती है पवन घंटी (विंड चाइम्स) चार छड:- यदि मुख्य द्वार के पास वास्तु दोष है, तो उसके निवारण हेतु मुख्य द्वार पर चार छड़ो वाली पवन घंटी लगानी चाहिए. विंड चाइम्स को दरवाजे पर परदे के पास इस प्रकार लगाना चाहिए कि द्वार में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों से वह टकरा कर मधुर ध्वनि उत्पन्न करे. इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि होने लगती है. पवन घंटी (विंड चाइम्स) पांच छड:- पांच छड वाली पवन घंटी का प्रयोग अध्ययन कक्ष में वास्तु दोष मिटाने के लिए किया जाता है. यदि अध्ययन कक्ष में छत पर बीम हो तो बीम के पास पांच छड़ो वाली पवन घंटी को लगाना चाहिए. अध्ययन कक्ष के द्वार पर भी यह पांच छड वाली विंड चाइम्स लगा कर लाभ लिया जा सकता है. पवन घंटी (विंड चाइम्स) छह छड:- ड्राइंगरूम में छह छड वाली पवन घंटी का उपयोग करना श्रेष्ठ फलदायक होता है. यह

Astro Mantra कितनी रखें भवन की ऊँचाई... Astro Mantra

चारदीवारी- मकान में चारदीवारी का निर्माण करते समय हमेशा ध्यान रखें कि दक्षिण-पश्चिम दिशा की चारदीवारी उत्तर व पूर्व दिशा की अपेक्षा मोटी व ऊँची रखें। निर्माण कार्य चरणों में- यदि मकान में निर्माण कार्य चरणों में संपन्न कराने की योजना है, तो वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार ही संपन्न कराएँ। वास्तु के अनुसार सर्वप्रथम पश्चिम या दक्षिण दिशा में निर्माण कार्य करवाएँ। मकान की ऊँचाई- वास्तु के अनुसार किसी मकान की ऊँचाई कितनी होनी चाहिए, इसका पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। ऊँचाई का हिसाब निकालने के लिए मकान की चौड़ाई के 16वें भाग में चार हाथ, 96 अंगुल जोड़कर जितना योग हो, उसके बराबर ऊँचाई होनी चाहिए। यदि बहुमंजिली मकान की योजना हो तो पहली ऊँचाई में से 12वाँ भाग कम करके दूसरी मंजिल की ऊँचाई रखें। यही क्रम तीसरी व क्रमशः चौथी मंजिल के लिए भी रखें। तीसरी मंजिल के लिए दूसरी मंजिल से 12वाँ मान कम करें। प्रत्येक मंजिल के लिए यह सामान्य क्रम ऊँचाई के लिए है। यदि इस क्रम से 4, 31/2 , 3 हाथ जोड़ दें, तो यह ऊँचाई उत्तम मध्यम, कनिष्ठ तीन प्रकार की होगी। यदि इस क्रम में भी

vastu tips on astro mantra दिशाओं में छुपी हैं प्रगति

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दिशाओं में छुपी हैं प्रगति - उड़ते बादल, बहती हवाएँ, मानव, पशु, पक्षी यहाँ तक कि ग्रह, उपग्रह, दरिया का पानी सभी को चलने के लिए एक रास्ते की जरूरत होती है। जिन रास्तों के सहारे मानव व जीव-जंतु अपनों से मिलने के लिए लक्ष्य व गनतव्य प्राप्त करने को अनवरत रूप से गुजरा करते हैं। इन रास्तों को वास्तु शास्त्र में दिशाओं की संज्ञा दी गई है। इन 10 दिशाओं में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का राज छिपा हुआ है जो एक शून्य में अपने आपको समाहित किए हुए है यानी सिर्फ शून्य जो एक है और शून्य भी। वास्तव में शून्य ही अपने आपमें सब कुछ समेटे हुए है। पृथ्वी, सूर्य, चंद्रादि ग्रह, उपग्रह सभी इस शून्य (10 दिशाओं) से उत्पन्न हुए। जलाशय में किसी टुकड़े को फेंकने पर जल तरंगे शून्य आकृति से गोलाकार में आकर किनारे में लुप्त हो जाती हैं। जिससे यह अनुमान लगता है कि अखिल विश्व व ब्रह्माण्ड शून्य (दिशा) में समाया है, शून्य को वास्तु में ब्रह्मस्थान कहा गया है जहाँ से दस दिशाएँ गुजरती हैं, इनका केन्द्र बिन्दु और परिधि भी शून्य है। चाहे वह कम्प्यूटर हो या गणितीय संसार इस एक शून्य (दिशाओं) के बिना सब

HANUMAN हनुमान चालीसा है चमत्कारिक CHALISHA KE PRABHAV

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हनुमान चालीसा है चमत्कारिक ऑफिस में कुछ ठीक नहीं चल रहा...  घर पर पति-पत्नी की नहीं बनती... विद्यार्थियों को परीक्षा का टेंशन है...  किसी को भूत-पिशाचों का भय सता रहा है... मानसिक शांति नहीं मिलती... स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं पीछा नहीं छोड़ती... ऐसी ह ... ी मानव जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं का हल है रामभक्त श्री हनुमान के पास।  परंतु आज के दौर में जब हमारे समयाभाव है और इसी के चलते हम मंदिर नहीं जा पाते, विधि-विधान से पूजा-अर्चना नहीं कर पाते हैं। ऐसे में भगवान की कृपा कैसे प्राप्त हो? क्या किया जा जिससे कम समय में ही हमारे सारे दुख-कलेश, परेशानियां दूर हो जाए? अष्ट सिद्धि और नवनिधि के दाता श्री हनुमान जी... जिनके हृदय में साक्षात् श्रीराम और सीता विराजमान हैं... जिनकी भक्ति से भूत-पिशाच निकट नहीं आते... हमारे सारे कष्टों और दुखों को वे क्षणांश में ही हर लेते हैं। ऐसे भक्तवत्सल श्री हनुमान जी की स्मरण हम सभी को करना चाहिए। ये आपकी सभी समस्या का सबसे सरल और कारगर उपाय है. श्री हनुमानचालीसा का जाप। कुछ ही मिनिट की यह साधना आपकी सारी मनोवांछित इच्छाओं को